शारीरिक व्यायामों के वार्षिक प्रदर्शन के लिये संदेश

 

 प्रदर्शन १९६०

 

   शाबाश! उन सबको जिन्हेंने कल' के प्रदर्शन में भाग लिया था, मेरी ओर से शाबाशी! यह बहुत बढ़िया था । हर एक को मेरी बधाइयां । सब कुछ अच्छी तरह आयोजित था और अच्छी तरह प्रस्तुत किया गया था ।

 

सभी को प्रेम और आशीर्वाद ।

 

(नवम्बर, १९६०) प्र

 

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प्रदर्शन १९६३

 

  कल मैं सारी शक्ति और समस्त चेतना के साथ तुम्हारी सहायता करने और तुम्हें सहारा देने के लिये सारे समय तुम्हारे साथ थीं, मैं जानती थी कि वर्षा एक ऐसी परीक्षा होगी जिसमें उत्तीर्ण होना ही होगा । '

 

   तुमने उसमें विजय पायी है और इसके लिये मैं बहुत खुश हूं । सभी को मेरे पूर्ण संतोष के बारे में बता दो ।

 

   मेरे आशीर्वाद के साथ ।

 

(३-१२-१९६३)

 

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प्रदर्शन १९६४

 

  उन सबको मेरे आशीर्वाद जो प्रदर्शन मे भाग लेनेवाले हैं ताकि वे अपनी-अपनी क्षमता की चोटी पर रह सकें ।

 

(२-१२-१९६४)

 

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प्रदर्शन १९६६

 

   साहसी, सहनशील और जागरूक बनो; और सबसे बढ़कर, पूरी ईमानदारी के साथ सच्चे बनो ।

 

    तब तुम सभी कठिनाइयों का सामना कर सकोगे और विजय तुम्हारी होगी ।

 

(२-१२-१९६६)

 

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मुख्य प्रदर्शन के पूर्वाभ्यास मे ।

प्रदर्शन के समय बहुत जोर से वर्षा हुई थीं ।
 


 
 


प्रदर्शन १९६७

 

 शरीर के कोषाणुओं की प्रार्थना

 

 अंस जब कि हम 'कृपा' के प्रभाव से धीरे-धीरे निक्षेतना में से बाहर निकल रहे हैं और सचेतन जीवन की ओर जाग रहे हैं तो हमारे अंदर से अधिक प्रकाश और अधिक चेतना के लिये एक उत्कट प्रार्थना उठती हैं :

 

   ''हे सृष्टि के परम प्रभु, हम अनुनय करते हैं, हमें वह बल और सुन्दरता, सामंजस्यपूर्ण पूर्णता प्रदान कर जो धरती पर तेरे दिव्य यंत्र बनने के लिये जरूरी

 

(२ -१२ -१९६७)

 

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